नई दिल्ली
किसान आंदोलन और कृषि कानून से जुड़ी याचिकाओं पर आज (सोमवार 11 जनवरी) सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी। प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार तीन नए कृषि कानून को निरस्त नहीं कर देती, वो अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। ऐसे में देशवासियों की नजरें आज होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट पर टिकी रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट आज नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर आज को सुनवाई करेगा।
 
दिल्ली की सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन लगभग 50 दिनों से जारी है। केंद्र और किसान संगठनों के बीच सात जनवरी को हुई आठवें दौर की बाचतीच में भी इसका कोई हल नहीं निकला। ऐसे में केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच फिर से 15 जनवरी को बैठक है। उसी बीच में आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई महत्वपूर्ण है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा सोमवार को सुनवाई की जाएगी।पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा था कि उनके और किसान संगठनों के बीच सभी मुद्दों पर चर्चा जारी है। सरकार ने कहा था कि इस बात की संभावना है कि जल्द ही सरकार और किसानों के बीच सुलग हो जाएगी।

केंद्र और किसान संगठनों के बीच सात जनवरी को हुई आठवें दौर की वार्ता में केंद्र सरकार ने विवादास्पद कानून निरस्त करने से इनकार कर दिया था। वहीं दूसरी किसान नेताओं ने साफ-साफ कहा था कि वे अपनी इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ेंगे। किसानों ने कहा था कि उनकी 'घर वापसी' तभी होगी जब 'कानून वापसी' होगी। सात जनवरी की बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं क्योंकि किसान नेताओं ने कानून को निरस्त करने की अपनी मांग का कोई विकल्प नहीं सुझाया है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका के खिलाफ किसानों की एक संस्था 'कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स असोसिएशन' ने मामले में पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया। इस संस्था का कहना है कि ये कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद है।

Source : Agency